history of Balaghat
बालाघाट जिले का इतिहास:::
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बालाघाट, पहले दो गांवो "बूढ़ा" और "बूढी" से मिलकर बना था और 1877 में इसे नगर पालिका बनाया गया अंग्रेजो ने एन दोनों गांवो का विलय कर 1895 में "बालाघाट" शहर की स्थापना की. कहा जाता है कि, 1867 में मुख्या आयुक्त "सर रिचर्ड टेम्पल" ने ब्रिटिश अधिकारियो के हनीमून स्थल के रूप में एस शहर को स्थापित किया यह शहर जबलपुर से 189 KM दक्षिण में "वैनगंगा नदी" के पूर्व में स्थित है सतपुड़ा पहाडियों के निचले भाग में बसा यह शहर नजूल वन से घिरा है. प्रमुख सड़क व रेल जंक्शन से जुदा बालाघाट शहर कृषि व्यापर और मैंगनीज खदान केंद्र है. अन्य खदानों के अलावा भरवेली और उक्वा, मलाजखंड आदि प्रसिद्द खादानी है. भरवेली, एशिया कि सबसे बड़ी मैंगनीज खदान है वही मलाजखंड; तांबे कि बड़ी खदानों में एक है.
स्त्रोत: भारत ज्ञान कोष (भाग-४)
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