YMI Shayri


किरण चाहू तो दुनिया के सरे अँधेरे घेर लेते है |
कोई मेरे तरह जी ले तो जीना भूल जायेगा ||


साथ भी छोडा तो कब,जब सब बुरे दिन कट गए |
ज़िन्दगी तुने कहा आकर दिया धोखा मुझे ||

हमें इस चिस्त से उम्मीद क्या थी और क्या निकला |
कहा जाना हुआ था तय कहा से रास्ता निकला ||
खुदा जिनको समझते थे वो शीशा थे न पत्थर थे |
जिसे पत्थर समझते थे वही अपना खुदा निकला ||

जिसने इस दौर के इन्सान किये है पैदा वो मेरा भी खुदा होगा मुझे मंज़ूर नहीं |

अगर टूटे कीसी का दिल ,तो शब् भर आख रोती है |
ये दुनिया है गुलो की जी इसमें काटे पिरोती है ||
हम मिलते है अपने गाओ में दुश्मन से भी इठला कर |
तुम्हारा शहर देखा तो बड़ी तकलीफ होती है ||

तुम्हारे जैसे हमने देखनेवाले नहीं देखे |
जिगर में किस तरह से रंजो ग़म पाले नहीं देखे ||


यहाँ पर जात मजहब का हवाला सबने देखा है|
किसी ने भी हमारे पाओं के छाले नहीं देखे ||

कदम उठने नहीं पाते, के रास्ता काट देता है|
 मेरे मालिक मुझे आखिर तू कब तक आजमाएगा||

मेरी आँखों में आसूं ,तुझसे हम दम क्या कहूं क्या है.
ठहर जाये तो अंगारा है,बह जाये तो दरिया है.

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